हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया हैं इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله
إِذَا مَاتَ اَلْإِنْسَانُ اِنْقَطَعَ عَمَلُهُ إِلاَّ مِنْ ثَلاَثٍ عِلْمٍ يُنْتَفَعُ بِهِ أَوْ صَدَقَةٍ تَجْرِي لَهُ أَوْ وَلَدٍ صَالِحٍ يَدْعُو
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने फरमाया:
जब इंसान इस दुनिया से चला जाता है तो उसका अमल समाप्त हो जाता है मगर तीन मौके पर इसके अमल मौत के बाद भी जारी रहता है।
(1)वह ऐसा इल्म छोड़ जाए कि उसके बाद दूसरे लोग उस से फायदा उठाएं।
(2)वह सदका जरिया(वक्फ) छोड़ जाए।
(3)नेक और सालेह बेटे छोड़ जाए जो उसके लिए दुआ इबादत करें।
बिहारुल अनवार,भाग 2,पेज 23